शुभचिंतक नहीं
गार्बेज ट्रक है वह
ठसा ठस भरा हुआ ऊपर तक
कुंठा, क्रोध और हताशा से
कोशिश करता रहता है हरदम
ट्रक में और बुराइयाँ ठूँसने की
जगह ना होने पर खाली करने की
वजह ढूंढता रहता है
और इसीलिए बेवजह कुछ मैला
आप पर भी फैला देता है
उसे देखकर अन्यथा ना लें
मुस्कुराए और शुभकामनाए दें
लेकिन उसका फैलाया कूड़ा कचरा
अपने घर ना लाएं
समाज मोहल्ले में ना फैलाए
ऐसे गार्बेज ट्रक मौके बेमौके
मिलते रहते हैं
इनसे टकराएं नहीं बल्कि
सहानभूति रखने की कोशिश करें
क्योंकि ये दया के पात्र भी हैं
हरदम मैला जो ढोते रहते हैं
– श्री डी पी सक्सेना