प्रयास
बहने दो जिंदगी यूँ ही,
ना सोचो इस रात की सुबह नहीं,
शायद यह परीक्षा धैर्य की,
शायद हो आगे नयी राहे कहीं…
आँखों में आंसू जो आज,
कल राहों के जुगनू बनेंगे,
आगे बढ़ते ये छोटे से कदम,
कल हमारा सामर्थ्य होंगे
धरा को सुन्दर बनाता,
हमारा छोटा सा प्रयास यही…
उगते सूर्य की भक्ति करता,
माना सारा विश्व है,
पर सपनो के हारे को तो,
संभाले स्वयं पिता शिव हैं
सपने देखो, निर्भय बनो,
जीवन यूँ ही मिट जाने का नाम नहीं…
– अभिनव